Latest Hindi Shayari, Heart Touching Hindi Shayari And Hindi Status 2020

Welcome to meri aarzoo, here I am presenting a huge collection of hindi shayari that you can share to your friends. Read these beautiful shayari in hindi and easily shareable on whatsApp and facebook as status. These are best shayari in hindi for all the shayari lovers, I hope you gonna love these shayari do check it out other shayari collection best love shayari... 


ना पाने की खुशी है कुछ, ना खोने का ही कुछ गम है

ये दौलत और शोहरत सिर्फ, कुछ ज़ख्मों का मरहम है

अजब सी कशमकश है,रोज़ जीने, रोज़ मरने में

मुक्कमल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है


 

पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना

जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना

मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है

जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना



वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है

वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है

किसी  से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से

यहाँ ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है



मेरे जीने मरने में, तुम्हारा नाम आएगा

मैं सांस रोक लू फिर भी, यही इलज़ाम आएगा

हर एक धड़कन में जब तुम हो, तो फिर अपराध क्या मेरा

अगर राधा पुकारेंगी, तो घनश्याम आएगा



मैं उसका हूँ वो इस एहसास से इनकार करती है

भरी महफ़िल में भी, रुसवा हर बार करती है

यकीं है सारी दुनिया को, खफा है हमसे वो लेकिन

मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है



हमारे शेर सुनकर भी जो खामोश इतना है

खुदा जाने गुरुर हुस्न में मदहोश कितना है

किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का

जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है



कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है

लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खुबसूरत है

जमाना अपनी समझे पर, मुझे अपनी खबर यह है

तुझे मेरी जरुरत है, मुझे तेरी जरुरत है



एक पहाडे सा मेरी उँगलियों पे ठहरा है

तेरी चुप्पी का सबब क्या है? इसे हल कर दे

ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे रस्ता इन का

और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे


 

कोई कब तक महज सोचे,कोई कब तक महज गाए

ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाऐ

मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले

मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाऐ



तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ

तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ

तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन

तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ



तुझ को गुरुर हुस्न है मुझ को सुरूर फ़न

दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है

तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र मुझे

कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है



तुम्हारा ख़्वाब जैसे ग़म को अपनाने से डरता है

हमारी आखँ का आँसूं , ख़ुशी पाने से डरता है

अज़ब है लज़्ज़ते ग़म भी, जो मेरा दिल अभी कल तक़

तेरे जाने से डरता था वो अब आने से डरता है



हर इक खोने में हर इक पाने में तेरी याद आती है

नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है

तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ

समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है



हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते

मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते

जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो

जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकते



ना पाने की खुशी है कुछ,ना खोने का ही कुछ गम है

ये दौलत और शौहरत सिर्फ कुछ जख्मों का मरहम है

अजब सी कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में

मुक्कमल जिंदगी तो है,मगर पूरी से कुछ कम है



गिरेबान चेक करना क्या है सीना और मुश्किल है,

हर एक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है,

हमारी बदनसीबी ने हमें बस इतना सिखाया है,

किसी के इश्क़ में मरने से जीना और मुश्किल है



तुम्ही पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता

कई जन्मो से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता

कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत हे ज़माने से

मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता



मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया

अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया

तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है

मुझे मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया


 

मेरा अपना तजुर्बा है तुम्हे बतला रहा हूँ मैं

कोई लब छू गया था तब के अब तक गा रहा हु मैं

बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाए बिना तड़पे

जो में खुद हे नहीं समझा वही समझा रहा हु मैं



नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है

मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है

कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों

सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है



मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है

मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है

सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से

मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है



सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है

भले प्रकाशित हो हो पर सबकी कोई कहानी है

बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा

जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है



पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना

जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना

मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है

हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना



सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता

खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता

फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो

फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता



स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी

बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी

बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी

अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी



नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है

मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है

कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों

सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है



हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है

और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है

मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल

भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है



कोई मंजिल नहीं जंचती, सफर अच्छा नहीं लगता

अगर घर लौट भी आऊ तो घर अच्छा नहीं लगता

करूं कुछ भी मैं अब दुनिया को सब अच्छा ही लगता है

मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन मगर अच्छा नहीं लगता



वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है

वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है

किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से

यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता



वो जो खुद में से कम निकलतें हैं

उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं

आप में कौन-कौन रहता है

हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं



घर से निकला हूँ तो निकला है घर भी साथ मेरे

देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुँचेगा

मेरी कश्ती में भँवर बाँध के दुनिया ख़ुश है

दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुँचेगा।




Post a Comment

1 Comments